गौरैया दिवस का इतिहास, महत्व और इससे जुडी अन्य महत्वपूर्ण बातें
पिछले 11 सालों से दुनियाभर में गौरैया दिवस मनाया जाता है। हर साल गौरैया दिवस 20 मार्च को मनाते हैं। सवाल यह है कि आखिर इस दिवस को मनाने की जरूरत क्या है?
आज हालात यह हो गए हैं कि यह छोटी सी प्यारी सी फुदकने वाली चिड़िया सिर्फ पुस्तकों कविताओं में ही देखने को मिलती है।
कभी कभार गांव में गौरैया देखने को मिल जाती है। लेकिन यह शहरों में यह चिड़िया शायद ही देखने को मिले। यह समस्त मानव समाज के लिए शर्म की बात है कि गौरैया नाम की यह चिड़िया अब लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है।
इसका संरक्षण करना हम मानव का कर्तव्य होना चाहिए। इसी बात को याद दिलाने के मकसद से हर साल गौरैया दिवस मनाया जाता है।
कौन है गौरैया ( Who is the sparrow in Hindi ):-
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डॉमेस्टिकस होता है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में पाई जाती है। साथ ही यहां अन्य देशों में भी पाई जाती है।
यह छोटी सी चिड़िया करीब 25 सेंटीमीटर की होती है। शहरों की तुलना में इस चिड़िया को गांव में रहना ही पसंद है। गौरैया का वजन 32 ग्राम तक रहता है। यह छोटे मोटे कीड़े और अनाज को खा कर अपना जीवन जीती है।
गौरैया दिवस का इतिहास (History of Sparrow Day in Hindi ): –
गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत करने का श्रेया भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयासों को जाता है।
दिलावर ने ही सबसे पहले गौरैया संरक्षण के लिए एक संस्था नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था की शुरुआत की थी। पहली बार गौरैया दिवस 2010 में भारत में मनाया गया था। तब से हर साल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है।
गौरैया दिवस के अवसर पर हर साल पर्यावरण एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है।
गौरैया दिवस का विषय ( Theme of Sparrow day in Hindi ) :-
गौरैया दिवस को हर साल एक थीम पर मनाया जाता है। इस बार भी गौरैया दिवस का एक थीम है। गौरैया दिवस का थीम है आई लव स्पैरो जिसका अर्थ है मुझे गोरिया प्रिय है।
पिछले कई सालों से एक ही विषय पर 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जा रहा है। इस थीम को रखने के पीछे वजह यह है कि इंसान और पक्षी के बीच के संबंध की सराहना की जाए।
इस दिन लोग गौरैया की तस्वीरें बनाते हैं और उस पर कविताएं लिखते हैं। कई सारे लोग अपने जीवन के अनुभव और गौरव से जुड़े किस्से को विभिन्न मंचों पर शेयर करते हैं।
गौरैया संरक्षण कैसे करें ( How to conserve sparrow ) :-
ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ बर्ड द्वारा विश्व के कई देशों में अनुसंधान किया गया। जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत और कई बड़े देशों में गौरैया रेड लिस्ट में शामिल है।
अर्थात यह एक ऐसा पक्षी है जो आप पूर्ण रुप से विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में गैरिया का संरक्षण करना बेहद जरूरी है।
गौरैया के संरक्षण के लिए छत पर उनके लिए दाना पानी रखा जा सकता है। साथ ही अधिक से अधिक पेड़ लगाए जा सकते हैं। गौरैया संरक्षण के लिए छोटे-छोटे घोंसले बनाए जा सकते हैं जहां पर यह अपना निवास बना सके।
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