पेट दर्द और आंत में जलन हो सकता है अल्सर का लक्षण, आइए जानते हैं अल्सर के इलाज के घरेलू नुस्खे के बारे में
पेट में अल्सर होना एक गंभीर बीमारी का इशारा है। ज्यादातर यह बीमारी खान-पान में अनियमितता और शराब और सिगरेट के सेवन से या फिर पेट मे गैस बनने की समस्या की वजह से होती है।
दरअसल पेट में अल्सर का मतलब होता है पेट में छाले या घाव का होना। यदि समय पर इसका इलाज नही करवाया जाता है तब यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में बदल जाता है।
अगर आपको भी पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या हो तो उसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसके घातक परिणाम हो सकते हैं।
जिन लोगों की आंत् में जलन और बार बार डकार जैसी समस्या रहती है यह अल्सर होने का ही संकेत हो सकता है। पेट में जब किसी भी प्रकार का जख्म हो जाता है या फिर दर्द होता है तब अल्सर की संभावना बढ़ जाती है।
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पेट में अल्सर होने पर पेट में सूजन, सीने में जलन, गैस बनने की समस्या देखने को मिलती हैं। इसलिए जब भी ये लक्षण नजर आये कभी भी इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पेट में अल्सर की समस्या को कुछ घरेलू नुस्खे को अपनाकर दूर किया जा सकता है।
अल्सर के लक्षण :-
- पेट में सूजन
- सीने में जलन
- आंत में जलन
- पेट मे गैस बनना
- वजन का कम होना
- भूख न लगना
- मल में खून आना
- मल का रंग गहरा होना
- सीने में जलन होना आदि
यह सब आंसर के लक्षण है। यदि आपका वजन तेजी से कम हो रहा है और भूख नही लगती है तो हो सकता है आपको अल्सर की शिकायत हो। सीने में जलन रहना भी अल्सर का एक लक्षण है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज न करें।
कभी कभार यदि सीने में जलन या आंत में जलन की समस्या होती है या गैस बनती है तो कोई बात नही लेकिन यदि यह अक्सर ही ऐसा हो रहा है तब इसके प्रति सचेत हो जाने की जरूरत है। पेट में अल्सर होने की स्थिति में कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर इससे राहत पाई जा सकती है
बेल का जूस –
पेट में अल्सर होने पर बेल का जूस पीना काफी फायदेमंद रहता है। बेल वैसे भी पेट के लिए अच्छा माना जाता है। बेल का शरबत पीने से पेट से जुड़ी कई समस्याओं में आराम मिलता है। बेल की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में गैस और कब्ज की स्थिति में बेल का शरबत पीना अच्छा माना जाता है। बेल का शरबत पेट से जुड़ी बीमारियों में आराम पहुंचाता है।
बादाम –
रोजाना बादाम को रात में भिगो कर रख दें और सुबह चबा कर खा लें। इससे अल्सर में आराम मिलता है, पेट ठीक रहता है। पाचन अच्छा रहता है।
गुड़हल –
गुड़हल भी आंसर की एक बेहतरीन दवा मानी जाती है गुड़हल के लाल फूलों को पीस कर पानी में इसका शर्बत बनाकर पीने से अल्सर में काफी आराम मिलता है।
अन्य उपाय –
गाय के दूध में हल्दी मिला कर पीने से भी अल्सर की समस्या में आराम मिलता है। इसके अलावा अल्सर होने पर नारियल का पानी पीना भी बहुत फायदेमंद होता है।
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अल्सर के मरीजों को नियमित रूप से नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है। अल्सर के मरीजों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उन्हें चाहिए कि वे हल्का खाना खाएं और ज्यादा तला भुना और मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें। क्योंकि यह आंसर की समस्याओं को बढ़ाने का काम करते हैं।
अल्सर की समस्या प्रमुख रूप से खान-पान से जुड़ी हुई है इसलिए खान-पान पर ध्यान देकर इस समस्या से बचा जा सकता है।