आइए जानते हैं अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति के सफरनामे को

आइए जानते हैं अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति के सफरनामे को

डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो वाइडन का अमेरिका का राष्ट्रपति बनने का सफरनामा काफी मुश्किल और चुनौतियों भरा रहा है। अब अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं।

उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को हरा दिया है। उन्होंने बड़े अंतर के साथ रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त दी। बता दे जो वेडन ने राष्ट्रपति का मुकाम तीसरी बार के चुनाव में हासिल किया है।

इसके पहले उन्होंने 1988 में और 2008 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने 1984 में भी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश की थी लेकिन उस समय उनके पास कागजात पूरे नहीं थे, इस वजह से वह 1984 में राष्ट्रपति का चुनाव नही लड़ पाए थे।

बता दें कि जो वाइडन 29 साल की उम्र में सीनेट के सदस्य के रूप में चुने गए थे। इसके बाद वह सीनेटर के लिए 6 बार चुने गए। बता दे जो वाइडन देश के पांचवे सबसे कम उम्र के सीनेटर भी रह चुके हैं। अब वह 48 साल बाद राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेगे।

सियासी सफर :-

जो वाइडन का सियासी सफर काफी मुश्किल भरा है। इसके पहले वह उपराष्ट्रपति के पद पर भी नियुक्त रह चुके हैं। उन्होंने कई सारे मौके और मुश्किल घड़ी में अपने अनुभव का सही इस्तेमाल किया है। इसलिए इस बार पर राष्ट्रपति चुनाव कई मायनों में एक तरह से ऐतिहासिक हो गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 120 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी प्रत्याशी ने 50% वोट हासिल किए हैं और ऐसा पहली बार होने जा रहा है ।

यह भी पढ़ें : मित्रता की मिसाल : हिंदू मित्र ने मुस्लिम दोस्त का तर्पण किया और सात दिन तक श्रीमद्भागवत का पाठ करवाया

जब अमेरिका को एक महिला के रूप में उपराष्ट्रपति मिल रही हैं, साथ ही यहां अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए भी गौरव का क्षण है, क्योंकि भारत मूल की अमेरिका की पहली उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस ने जीत दर्ज की है।

अमेरिका का इस साल का राष्ट्रपति चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में ही देखने को मिल रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए जो वाइडन ने एक संस्करण “प्रॉमिस टू कीप” में बताया है कि उनके दादाजी ने उन्हें राजनीति का पहला पाठ सिखाया था। अमेरिका का डेलावेयर ही उनकी कर्मभूमि बनी और यही से वो राजनीति के सफर पर निकले।

अगर भारत से जो वाइडन के संबंध की बात करें तो दोनों देशों के बीच परमाणु संधि होने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह भारत को पहले भी अमेरिका का एक स्वाभाविक साझेदार बता चुके हैं और कह चुके हैं कि भारत उनकी जरूरत है।

 पर्सनल लाइफ :-

जो वाइडन की पर्सनल लाइफ भी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। 1972 में जब वह पहली बार सीनेटर के रूप में चुने गए थे तब एक सड़क हादसे में उनकी पत्नी और उनकी नवजात बेटी की मृत्यु हो गई थी और उनका एक बेटा बुरी तरह से उसमें घायल हुआ था।

यह भी पढ़ें : एक ड्रग माफिया जिसके पैसों में दीमक लग जाती थी

उसके बाद साल 2015 में उनके बेटे का देहांत हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ था जब वाइट अमेरिका के उप राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त थे। बता दें कि जो वाइडन को 1988 में लकवा भी मार दिया था, जिससे उबरने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था।

इसी दौरान चुनाव में उनके ऊपर साहित्य चोरी का मामला भी आया, जिसकी वजह से उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा उनके बेटे को नशीला पदार्थ लेने की वजह से वायु सेना की नौकरी से भी निकाल दिया गया था।

इस तरह से अपनी जिंदगी में कई सारी चुनौतियों का सामना किया है। अब उनके सामने अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर कोरोना महामारी के रूप में एक चुनौती फिर से है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *