ताइवान कोरोना से जंग जीत वैश्विक स्तर पर हो रहा मजबूत

ताइवान कोरोना से जंग जीत वैश्विक स्तर पर हो रहा मजबूत

दुनिया भर के तमाम देश अपने यहां कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की भरसक कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन इसी बीच ताइवान एक ऐसे देश के रूप में उभरा है जिसने अपने यहाँ इस वायरस पर नियंत्रण पा लिया है । मालूम हो कि चीन ताइवान का पड़ोसी देश है । ताइवान के कुछ क्षेत्रपर चीन अपना अधिकार भी जमात रहता है ।

ताइवान की कुल आबादी लगभग 23 लाख की है और इसने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अपने यहाँ चीन से आने वाले सभी यात्रियों के प्रवेश पत्र पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया था साथ ही अपने देश में फेस मास्क का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा दिया ।

जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा एक आंकड़ा जारी किया गया है जिसके अनुसार 17 मई तक ताइवान में कोरोनावायरस के सिर्फ 440 मामले देखे गए हैं जिसमें से 7 लोगों की मौत हुई है । वही ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के 7000 से ज्यादा मामले अब तक मिल चुके हैं और करीब 98 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं ।

ताइवान ने अपने यह कोरोना वायरस पर नियंत्रण कर के अपने अनुभव को वैश्विक स्वास्थ्य सभा मे उठा रहा और अपने अनुभव को शेयर कर रहा है । अभी हाल में ही सालाना विश्व स्वास्थ्य सभा जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित की गई उसमें ताइवान ने जापान, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों के साथ सहयोग करने के लिए अपनी आवाज उठाई है, जो चीन को अच्छा नहीं लगा ।

चीन ताइवान के एक क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाए हैं और उसे अपना हिस्सा बताता है और इसी के चलते चीन ताइवान पर कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने पर भी रोक लगाता रहा है । चीन उन देशों के साथ अपने राजनैतिक संबंध नहीं रखना चाहता है जिनके साथ ताइवान का आधिकारिक रूप से कोई भी संबंध है ।

मालूम ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन का सदस्य ना होने के बावजूद 2009 से 2016 तक पर प्रेक्षक के तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभा से जुड़ा था । चीन ने ताइवान के सामने शर्त रखी है कि वह तभी विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है जब वह इस बात को स्वीकार कर ले कि वह चीन का हिस्सा है ।

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वहीं ताइवान चीन की इस शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं है और इसके बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभा में हिस्सा लेने की कोशिश करता रहता है । मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के महामारी बनने से और इस पर नियंत्रण न पा सकने के चलते अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए चीन पर आरोप लगाते रहते हैं ।

 

वहीं चीनी सरकार दूसरे देशों की आलोचना करते हुए अपनी इस बात को लेकर प्रशंसा करता रहता है कि उसने कोरोनावायरस को हरा दिया है । अभी पिछले दिनों चीन के सरकारी मीडिया के द्वारा चीन की राजनीतिक व्यवस्था को कोरोना वायरस की जंग में सबसे बड़े हथियार के रूप में बताया है और कहा है कि चीन के कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व की वजह से ही चीन इस महामारी को हराने में कामयाब हुआ है ।

वहीं चीन के विषय में ताइवान का कहना है कि चीन को पारदर्शिता बरतनी चाहिए । ताइवान कहता है कि पारदर्शी और जरूरी कदम की वजह से लोकतांत्रिक देश कोरोना वायरस महामारी की जंग में जीत हासिल करने की क्षमता रखते हैं ।

बता दें कि जब कोरोना वायरस का प्रसार चीन में होना शुरू हुआ था तब चीन ने अपने यहां सख्त लॉक डाउन नहीं किया था और चीन द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की आलोचना वैश्विक स्तर पर होती रही है और चीन सारे आरोपों को नकार कर रहा है ।

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