8000 कदम चल कर इम्युनिटी बढ़ाये और डायबिटीज घटाएँ
पैदल चलना हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है । पैदल चलने से तन और मन खुश और उत्साहित रहता है और हमारा शरीर सक्रिय रहता है । दरअसल हमारे पैरों की संरचना काफी जटिल होती है, जिसमें 26 हड्डियां,107 लिगामेंट्स, 37 मांसपेशियां और 37 जोड होते हैं जो की चलने के दौरान सक्रिय रहते हैं ।
एक शोध में बताया गया है कि एक व्यक्ति नियमित रूप से स्वास्थ्य पर किए जाने वाले खर्च में से 20000 रुपये तक बचा सकता है । अतीत के दिनों में टहलना दिनचर्या में सम्मिलित हुआ करता था । शोध में कहा गया है कि आहार पर नियंत्रण, संतुलित जीवन शैली और लगभग 78 हजार कदम नियमित चलना चाहिए ।
दिल्ली के मशहूर सीनियर फिजिशियन का कहना है कि सन 1970 के दशक में 77 प्रतिशत बच्चे स्कूल पैदल जाया करते थे और आज के समय में पैदल स्कूल जाने वाले बच्चों का यह आंकड़ा 13% है । जिस वजह से आज के जमाने के बच्चे उतने स्वास्थ नहीं है । कैंसर से बचाव में राहत पाने के लिए प्रति सप्ताह 3 से 5 घंटे पैदल चलने से स्वस्थ अच्छा हो सकता है ।
4 से 5 घंटे पैदल चलकर कैंसर से पीड़ित व्यक्ति की आयु में 50% की वृद्धि हो सकती है । रोजाना एक घंटे की सैर कर के 1500 कैलोरी आहार का सेवन करने वाली महिलाएँ अपना वजन नियंत्रित कर लेती हैं ।
प्रोटेस्ट कैंसर से पीड़ित पुरुष प्रतिशतता 90 मिनट तक पैदल चले तो उनके जीवन प्रत्याशा में 50% तक की वृद्धि हो सकती है । जो महिलाएं नियमित तौर से चलती रहती हैं उनमें बड़ी आंत के कैंसर की आशंका, पैदल न चलने वाली महिलाओं की तुलना में 30% तक कम होती है । इसके साथ ही सुबह से विटामिन डी और कैल्शियम का स्तर भी शरीर में बढ़ जाता है ।
जो व्यक्ति हर दिन 8000 कदम तक पैदल चलता है उसमें याददाश्त कम होने वाली बीमारी होने की आशंका बेहद कम हो जाती है । क्योंकि टहलने से शरीर में अनेक ऐसे तत्व की मात्रा बढ़ जाती है जो शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखते हैं ।
टहलने से मानसिक तनाव से राहत मिलती है और कई अन्य रोगों के होने का खतरा भी कम हो जाता है । हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से हटाना चाहिए क्योंकि टहलने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में सहायता मिलती है और शरीर में खून का संचार भी सही ढंग से हो पाता है और ऐसे में ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है ।
चलने के दौरान कोशिश करें कि सांस हमेशा नाक से ही ले और शरीर को सीधा रखें, शरीर ढीला रखें तो फुर्ती और चुस्ती से बनी रहती है ।देशभर में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है । दुनिया भर में सबसे ज्यादा डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति भारत में ही पाए जाते हैं ।
डाइबिटीज नियंत्रण करके संतुलित जीवन शैली अपनाकर जो लोग प्रतिदिन लगभग 7000 से 8000 कदम चलते हैं उनका डायबिटीज नियंत्रित रहता है । शोध में खुलासा हुआ था कि हमारे देश में 67 फीसदी लोग लोग निष्क्रिय जीवन जीते हैं यानी कि वह कोई शारीरिक श्रम वाले काम नहीं करते हैं । उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और बोन डेंसिटी भी कम हो जाती है ।
ऐसे में नियमित टहलने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और गिरने से चोट लगने, मोच आने से बचाव हो जाता है । आरामदायक जिंदगी ही सारी बीमारियों को बुलावा देती है जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और डायबिटीज आदि शामिल है ।
टहलना शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है क्योंकि टहलने से ऊर्जा मिलती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और किसी भी संक्रमण की चुनौतियों का सामना करने के लिए शरीर स्वस्थ और तैयार रहता है ।