हॉरर फिल्में देखने वालों की मानसिक शक्ति मजबूत होती है !
दुनिया भर में कोरोना वायरस की स्थिति भयावह बनी हुई है। लेकिन ऐसे हालात में कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा बनने से जुड़ी खबर लोगों को राहत पहुंचा ही है। लेकिन दूसरी तरफ भारत समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण लोगों को मानसिक तनाव भी दे रहा है।
एक शोध के अनुसार कोरोना वायरस से संबंधित खबरों को ज्यादा देखने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस महामारी के दौर में मासिक तौर से लोगों को मजबूत होना होगा।
क्या किसी आपदा या फिर डरावनी हॉरर फिल्में देखने से लोगों की मासिक मजबूत होती है? इस बात को जाने के लिए एक शोध किया गया। यह शोध डेनमार्क के आरहस यूनिवर्सिटी के द्वारा किया गया है।
शोध के अनुसार जो लोग दुनिया के विनाश होने या फिर आपदा से निपटने वाले या फिर इसी तरह की हॉरर फिल्में देखते हैं उन लोगों में कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझने की क्षमता काफी अधिक होती है।
इस शोध को करने वाले शोधार्थियों ने अपने अध्ययन में पाया कि आपदा या डरावनी होरर फिल्म देखने वाले कोरोना वायरस लाने के लिए मानसिक रूप से अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा मजबूत रहते हैं।
इस शोध में यह भी पता चला है कि दुनिया का विनाश दिखाने वाली फिल्मों को देखने के शौकीन लोग भी उन लोगों की तुलना में मानसिक तौर से ज्यादा मजबूत होता है जो ऐसी फिल्में नही देखते।
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ऐसे लोगों में इस शोध के दौरान पाया गया कि उनका लचीलापन काफी हाई लेवल का होता है और ये लोग हर तरह की परिस्थितियों से लड़ने के लिए मानसिक रूप से बेहद मजबूत होते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हॉरर डरावनी फ़िल्म या कहानी सुनने की वजह से ये लोग इस तरह मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं कि वास्तविक दुनिया में अगर किसी भी तरह की आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है तो ये मानसिक रूप से तैयार रहते हैं और इसके लिए उनकी मानसिक स्थिति अन्य लोगो की तुलना में काफी ज्यादा मजबूत होती है।
शोधकर्ताओं ने इस मनोवैज्ञानिक शोध को करने के लिए 310 लोगों को इसमें शामिल किया गया और उनसे उनकी पसंदीदा फिल्में, वेब सीरीज और टीवी शो के बारे में पूछा गया।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि इस शोध में प्रतिभागी के रूप में शामिल होने वाले लोगों में उन प्रतिभागियों के मानसिक स्थिति काफी मजबूत थी और आपदा या अन्य इस तरह की परिस्थिति में उनके मानसिक तैयारी का परीक्षण किया गया तो शोधकर्ताओं ने पाया कि वे प्रतिभागी जो ‘द कंटेजियन, 28 लेटर, द वॉकिंग डेड जैसी फिल्में या टीवी शो देखते थे उन लोगो की मानसिक स्थिति काफी मजबूत पाई गई और जो लोग इस तरह की फ़िल्में और टीवी शो नहीं देती उनकी मानसिक स्थिति कमजोर पाई गई।
हॉरर मूवीस देखने वाली लोग खुद ब खुद ऐसे आपदा की परिस्थिति होने पर इसका पूर्वानुमान कर चुके होते हैं इसलिए उनकी मानसिक स्थिति मजबूत पाई गई।