क्या हर म्यूटेशन के बाद खतरनाक होता जाएगा कोरोना वायरस
कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश के कई हिस्सों में अपना कहर बरपा रही है। रोजाना 4 लाख से भी ज्यादा संक्रमण मामले हर दिन आ रहे हैं। पिछले बार कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या से इस साल कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या अधिक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस में म्यूटेशन होता जा रहा है और नई स्ट्रेन पहले से भी ज्यादा खतरनाक होती जा रही हैं। यही वजह है कि इस बार कोरोना वायरस के मामले में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है।
लोगों के मन में कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी हो रहा है कि क्या हर म्यूटेशन के साथ कोरोना वायरस और ज्यादा खतरनाक होता जाएगा? क्या हर अगला म्यूटेशन इसे और ज्यादा खतरनाक बनाने का काम करता है?
भारत में पाया जाने वाला कोरोना वायरस का नया म्यूटेशन काफी खतरनाक बताया जा रहा है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह म्युटेंशन इतना ज्यादा खतरनाक है कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई भी इससे प्रभावित हो सकती है।
इस वायरस को 70 गुना अधिक संक्रामक माना जा रहा है। नए स्टेन में संक्रमित लोगों में अधिक गंभीर बुखार देखने को मिल रहा है। नए स्टैंन में कुछ लोगों को सुनने में समस्या, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा संक्रमण तथा आंखों की रोशनी कम होना जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
क्या हर म्यूटेशन के साथ खतरनाक होता जाएगा कोरोना?
इस बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर आशीष पाल का कहना है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि कोरोना वायरस का हर म्यूटेशन इसे और गंभीर ही बनाएगा। जैसे कि इस नए म्यूटेशन में देखा जा रहा है।
लोगों को सांसो से जुड़ी दिक्कतें अधिक हो रही है। ऐसे में हो सकता है कि इस वायरस का अगला स्टेन इसके लक्षण को हल्का कर दे। हर स्टेन की गंभीरता दूसरे से काफी भिन्न हो सकती है।
इसके अलावा हर म्यूटेशन के साथ वायरस के प्रकृति में भी बदलाव आ जाता है। इसलिए पहले से म्यूटेशन की गंभीरता का अंदाजा लगाना बेहद कठिन है।
क्या होता है म्यूटेशन और स्टेन –
किसी वायरस या बैक्टीरिया में म्यूटेशन होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया मानी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायरस अपनी प्रतिकृति बनाता रहता है। इन्हीं परिवर्तनों को साइंटिफिक भाषा में म्यूटेशन के नाम से जाना जाता है।
यह बदलाव मूल वायरस के वैरीअंट के रूप में जाने जाते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान वायरस के जींन में भी अंतर आ जाता है। जो स्वस्थ कोशिकाओं को पार करके लोगों को अधिक गंभीरता से संक्रमण करने योग्य हो जाता है।
डबल म्यूटेशन क्या है?
अब तक कोरोना के तीन नए वैरीअंट सामने आ चुके हैं जिसमें यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के वैरीअंट गंभीर है। अगर बात करें डबल म्यूटेशन की तो जब वायरस के दो परिवर्तन किसी एक तीसरे सुपर संक्रामक स्ट्रेन के रूप में बदल जाता है तो उसे डबल म्यूटेशन के नाम से जाना जाता है।
कैसे करे बचाव –
डॉ आयशा का कहना है कि लोगों को कोरोना वायरस के लक्ष्ण और कुछ सामान्य दवा को हमेशा अपने पास रखना चाहिए। जैसे जिन लोगों को बुखार कम न होता हो, सांस से जुड़ी परेशानी हो उन्हें अपने पास बुखार की दवा, इन्हेलर लेना अवश्य रखना चाहिए।
जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो उन्हें उल्टा लेटने और इनहेलर कि 2 से 3 पफ लेने से काफी लाभ मिल सकता है। इसके अलावा अगर हालात ज्यादा बिगड़ी तो रोगी को अस्पताल ले जाना चाहिए।