अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जाने कुछ महिलाओं के बारे में
दुनिया भर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे मकसद यह है कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए तथा विश्व शांति को बढ़ावा दिया जाए । आजकल की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है । वे हर क्षेत्र में अपनी पहुंच बना चुकी हैं ।
महिला दिवस पर जानते हैं कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने अपने हौसले और मेहनत के दम पर अपने सपने को सच कर अपनी पहचान बनाई और जिनकी जिंदगी दूसरों को भी आगे बढ़ने को प्रेरित करती है
इरा सिंघल – इरा सिंघल ने 2014 में सिविल सर्विसेज एग्जाम में टॉप किया था । इरा सिंघल शारीरिक रूप से विकलांग इसके बाद उन्होंने सामान्य कैटेगरी से टॉप किया जो इस बात को साबित करता है कि जुनून और जज्बे के दम पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है । इरा सिंगल स्कोलियोसिस नाम की रीड की हड्डी की बीमारी से ग्रस्त हैं जिसकी वजह से उनके कंधे में ठीक से काम नहीं कर पाते । लेकिन उन्होंने अपनी कामयाबी में कभी भी अपनी विकलांगता को आड़े नहीं आने दिया ।
इरा सिंघल ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक किया है । इरा सिंघल ने 2010 की सिविल सर्विस परीक्षा 815 रैंक हासिल की थी लेकिन शरीरिक विकलांगता की वजह से उन्हें तैनाती नही मिली तो उन्होंने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में केस दर्ज करवाया बाद में 2014 में उन्होंने टॉप किया और इस समय वो कस्टम एन्ड एक्साइज डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात है ।
उम्मल खेर – उम्मल खेर एक बहादुर लड़की है और हर लड़की के लिए एक प्रेरणा है । इन्हें विकलांगता जन्मजात मिली थी लेकिन इसे इन्होंने अपनी ताकत बना कर सफलता हासिल की । उम्मल का जन्म जब हुआ तब से ही इन्हें कार्डियो डिसऑर्डर की बीमारी थी । यह एक ऐसी बीमारी है जो बच्चे की हड्डियों को कमजोर कर देता है इससे गिरने पर चोट लगने की संभावना ज्यादा रहती है । इनका बचपन दिल्ली में निजामुद्दीन की झोपड़ी में गुजारा था ।
जब इनके परिवार वालों ने इनकी पढ़ाई में उनका साथ देना छोड़ दिया तो उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना खर्च उठाया । उम्मल ने नौवीं कक्षा के दौरान अपना घर छोड़ दिया और दिल्ली के त्रिलोकपुरी में किराए के कमरे में रहने लगी और अपनी पढ़ाई जारी रखी ।इन्होंने गार्गी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की तथा जेएनयू से मास्टर ऑफ आर्ट में एडमिशन लिया और इंटरनेशनल रिलेशन सब्जेक्ट को चुना । उम्मल ने 2016 में सिविल सर्विसेज एग्जाम पास किया और लोगो के लिए एक मिसाल बन गई । उम्मल अब अपने परिवार वालो को माफ कर के उन्हें हर सुविधा और सम्मान देने चाहती है ।
इल्मा अफरोज – इलमा अफरोज का जन्म एक किसान घर में हुआ था । जब ये मात्र 14 साल की थी तभी इनके पिता का इंतकाल हो गया । लेकिन इनकी मां सुहैला अफरोज ने घर की जिम्मेदारी सम्हाली और अपने बच्चों को पढ़ाया । इल्मा बचपन मे अपने पिता के इंतकालके बाद जब इनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था तो अपनी मां और भाई के साथ खेतो में काम में मदद करती और साथ मेंपढाई भी करती ।
इल्मा ने हर चुनोतियों का डंट कर सामना किया और सिविल सर्विसेज एग्जाम में 2018 में पहली बार मे 217 वीं रैंक हासिल की । इल्मा की जिंदगी चुनोतियों भारी थी वो हमेशा साधारण लिबास में रही और अपने हौसले के दम पर अपना सपना पूरा किया । इल्मा आईपीएस बन कर अब देश की सेवा में जुट गई है ।