आइए जानते हैं रोगानुसार किए जाने वाले योग के बारे में
योग भारतीय कला का एक हिस्सा रहा है। योग कई मायनों में जिंदगी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अगर कोई व्यक्ति रोग से मुक्त रहना चाहता है और एक स्वस्थ जिंदगी जीना चाहता है तो योग उसकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।
आज के दौर में कई गंभीर बीमारियों में दवाओं से भी ज्यादा योग असरदार साबित हुआ है। योग से शरीर में एक नई उर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं रोगानुसार किए जाने वाले योग के बारे में –
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अस्थमा ( Yoga for asthma in Hindi ) : –
आजकल पर्यावरण में होने वाले बदलाव और खानपान में बदलाव की वजह से नई नई बीमारियां होने लगी है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवन में बहुत सारी चीजें का आनंद नहीं उठा पाते हैं।
अस्थमा के रोगियों को योग करना फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं अस्थमा के रोगियों के लिए कौन कौन से योग फायदेमंद होते हैं।
a) पवनमुक्तासन –
अस्थमा से पीड़ित लोग पवनमुक्तासन आसानी से कर सकते हैं। यह पाचन और गैस की समस्या को ठीक करने में मददगार होता है।
b) शवासन –
इस योग में ध्यान की अवस्था में ले जाती है। इससे चिंता मुक्त और मानसिक दबाव से आजादी मिलती है। इससे शरीर शांत और तनाव मुक्त रहता है और अस्थमा को दूर करने में मददगार होता है।
c) नाड़ी शोधन प्राणायाम –
नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से मन और शरीर को तनाव से मुक्त करने और सांस लेने की तकनीक में सुधार होता है।
d) भुजंगासन –
यह आसन कई तरह के रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। यह अस्थमा में भी फायदेमंद है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
2. डायबिटीज – ( Yoga for Diabetes in Hindi ) :-
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में डायबिटीज बीमारी तेजी से लोगों में रह रही है। इस बीमारी से बचने के लिए और बीमारी के इलाज में योग बहुत फायदेमंद है।
a) कपालभाति –
कपालभाति को डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतरीन योग विकल्प माना जाता है। इस योग को नियमित रूप से करने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है।
b) अर्धमत्स्येंद्रासन –
यह योग भी डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे पाचन में सुधार होता है और शरीर बेहतर ढंग से काम करता है।
c) त्रिकोणासन –
शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए यह योगासन बहुत फायदेमंद है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी इस योगासन को करना फायदेमंद होता है।
d) पश्चिमोत्तानासन –
इस योग को नियमित रूप से करने से पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है। ऐसे में पाचन से जुड़ी बीमारियों में यह योगा बहुत फायदेमंद है।
3. हृदयसेजुड़ीबीमारी ( Yoga for heart disease in HIndi ) : –
आज के दौर में हृदय (हार्ट) से संबंधित रोगियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। कई बार यह जानलेवा भी हो जाती है। आइये जानते हैं हृदय रोगों से छुटकारा पाने में किए जाने वाले युवा के बारे में।
a) त्रिकोणासन –
त्रिकोणासन करने से हृदय और सांस से जुड़े परेशानियों में छुटकारा मिलता है। इससे छाती का विस्तार करने में मदद मिलती है और सांस लेने की प्रक्रिया बेहरत होती है। इससे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
b) अधोमुखश्वासन –
यह योग अगर नियमित रूप से अगर दिनचर्या में शामिल किया जाए तो ब्लड सर्कुलेशन हृदय में बेहतर ढंग से होता है और हृदय रोगों से छुटकारा मिलता है।
c) धनुरासन –
इस आसन को करने से हृदय से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। ऐसे आसन को करने से हृदय के आसपास के अंग मजबूत होते हैं और शरीर लचीलापन आ जाता है।
4. थायराइड ( Yoga for Thyroid in Hindi ) : –
थायराइड बीमारी की समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या में थायराइड ग्रंथि के कार्य प्रभावित होता है।
यह हार्मोन को नियंत्रित करने वाली ग्रंथि होती है। जब हार्मोन अनियंत्रित हो जाते हैं तब यह बीमारी होती है। इसके लिए निम्नलिखित योग फायदेमंद है
a) शीर्षासन –
शीर्षासन योगा उत्कृष्ट योग विधियों में से एक है। इससे थायराइड ग्रंथियों को सीधे संतुलित करने में मदद मिलती है। यह शरीर के चपपचाई कार्यों में संतुलन लाता है और शरीर को सतर्क करता है।
b) हलासन –
इस योग को करने से गर्दन को सीधा करने और पेट और थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने में मदद मिलती है।
यह मस्तिष्क को शांत रखता है और तनाव व थकान को दूर करता है। इसकी वजह से इसे योगा को हलासन के नाम से जाना जाता है।
c) मत्स्यासन –
यह आसन उस अवस्था को कहते हैं जब गर्दन को खींचा जाता है। इससे थायराइड ग्रंथि एक्टिव हो जाती है।
इससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है। इस आसन को करने से शरीर को लाभ मिलता है और डिप्रेशन को रोकने में भी मदद मिलती है। क्योंकि कई बार यह डिप्रेशन ही थायराइड का कारण होता है।